Fantasy World


Fantasy world

welcome to this blog ......................


world of fantasy "kalpnik Duniya" lies in the heart of each and every individual...so, join this world and share your fantasy moments too ..............................
Blogger Widgets

Thursday, July 26, 2012

दास्ताँ -ए -दिल : चंद्रानी पुरकायस्थ (पिंकी)



हम सोचते रहे  , किसी रोज तो बात होगी ,
ख्वाबों में ही सही , कभी तो मुलाकात होगी .
हर एक साँस में यो गूंजता रहा नाम तुम्हारा ,
हम सोचते रहे , कभी तो बरसात होगी.
आधी आधी  रात को , अध् खुली आखों से,
सुनी गलियों को निहारती रही.
तो कभी सूखे पत्तों की आहट को ,
तुम्हारा आना जान मुस्काती रही.
कभी कभी इंतेजार के पल ,
बूंद बनकर छलक पड़े.
काश कोई एक बूंद तुमको भी छु गयी होती  .
हमने तो खामोसी से बयाँ की थी दास्ताँ -ए -दिल ,
काश तुमको भी खामोसी की जुबाँ आती होती .